'हर-हर महादेव'.. महाकुंभ में अखाड़ों का दूसरा अमृत स्नान हुआ; सुबह रोक दिया गया था, भगदड़ और भारी भीड़ के चलते लिया था फैसला
MahaKumbh Akharas Mauni Amavasya Amrit Snan Holy Dip at Triveni Sangam
MahaKumbh Amrit Snan: महाकुंभ में मंगलवार देर रात भगदड़ हादसे के बाद सरकार और प्रशासन की सक्रियता से स्थिति जल्द ही संभाल ली गई। जहां मौनी अमावस्या के मौके पर श्रद्धालुओं का अमृत स्नान लगातार हो पाया। हालांकि, बहुत भारी भीड़ के चलते महाकुंभ में अखाड़ों ने सुबह ब्रह्म मुहूर्त से होने वाले अपने इस परंपरागत दूसरे अमृत स्नान को रोकने का फैसला किया।
सीएम योगी ने भी अखाड़ा परिषद के सभी पदाधिकारियों और अखाड़ों के आचार्या महामंडलेश्वरों और संतों से बातचीत की। जिसमें सभी ने भीड़ के चलते सुबह अमृत स्नान न करने की सहमति जताई और कहा कि, पहले श्रद्धालुओं को स्नान कर लेने दीजिये। इसके बाद जब भीड़ का दबाव कम होगा तब हम स्नान के लिए संगम की तरफ जाएंगे। सभी अखाड़े इसके लिए सहमत थे।
फिलहाल, बुधवार दोपहर बाद संगम पर भीड़ का दबाव जब कम हुआ तो वहां बचे श्रद्धालुओं से त्रिवेणी संगम घाट को खाली कराया गया। ताकि यहां विभिन्न अखाड़ों और संप्रदायों के लाखों साधु-संत और संन्यासी (नागा सन्यासी और अघोरी) अपना दूसरा अमृत स्नान कर सकें।
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा, "हम अमृत स्नान के लिए आए हुए हैं और मेरे साथ हजारों संत और नागा आ रहे हैं। हम बहुत जल्दी संगम घाट खाली कर देंगे ताकि यहां आए सभी श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा सकें। क्योंकि महाकुंभ में श्रद्धालुओं की बहुत ज्यादा भीड़ पहुंची हुई है।
'हर-हर महादेव' के जयकारों से शुरू हुआ अमृत स्नान
महाकुंभ में 'हर-हर महादेव' के जयकारों से मौनी अमावस्या का दूसरा अमृत स्नान शुरू हुआ। 3 अमृत स्नानों में यह सबसे बड़ा अमृत स्नान था। इस अमृत स्नान में सबसे पहले चार पीठों के शंकराचार्यों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इसके बाद सभी 13 अखाड़े परंपरागत क्रम से पेशवाई के साथ संगम की ओर पहुंचे और अखाड़ों के आचार्या महामंडलेश्वरों व संतों ने संगम में डुबकी लगाई।
इन 13 अखाड़ों में महानिर्वाणी अखाड़ा, शंभू पंचायती अटल अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, बैरागी अखाड़ा, दिगंबर अनी अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा (बड़ा उदासीन), पंचायती निर्मल अखाड़ा) जैसे अखाड़े शामिल रहे।
अलग-अलग अखाड़ों के नागा साधु तलवारें, त्रिशूल-भाले लहराते और गदा-डमरू के साथ संगम की ओर आते देखे गए। इस बीच इनके साथ-साथ रास्ते में RAF और पुलिस के जवान तैनात दिखे। वहीं महाकुंभ में इस अमृत स्नान के दौरान साधु-संतों और श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से गुलाब की पंखुड़ियों की पुष्पा वर्षा की गई।
संगम की ओर जाता हुआ साधु-संतों का जत्था
लोग बोले- अखाड़ों ने बड़ा दिल दिखाया
महाकुंभ में भगदड़ हादसे और बढ़ती भीड़ को देखते हुए जिस तरह से अखाड़े अपने अमृत स्नान के लिए पीछे हटे। उसे देखकर यह कहा जा रहा है कि, अखाड़ों ने श्रद्धालुओं को अपने से पहले रखा और बड़ा दिल दिखाया। उन्होंने यह समझा कि भीड़ बहुत ज्यादा और दूर-दूर से आए लोग परेशान हो रहे हैं। ऐसे में उन्होंने प्रातःकाल के स्थान पर दोपहर बाद स्नान शुरू किया।
नागा साधु भी मान गए
लोगों ने कहा कि, नागा साधुओं के बारे में एक धारणा है कि उन्हें गुस्सा आता है, लेकिन सोचिए उन्होंने अपने पहले स्नान की जगह श्रद्धालुओं का ध्यान रखते हुए, उन्हें पहले स्नान करने दिया। उन्होंने कोई उत्पात नहीं मचाया। साथ ही प्रशासन का भी मान रखा।